तारा चक्र
जन्म सम्पतविपतक्षेम प्रत्यरि साधकवधमित्र अति-मित्र
नक्षत्र अनुराधाज्येष्ठामूलपूर्वाषाढाउत्तराषाढाश्रवणधनिष्ठाशतभिषापूर्वाभाद्रपद
जन्मचन्द्र शनि
गोचर चन्द्रशनि
नक्षत्र उत्तराभाद्रपदरेवतीअश्विनीभरणीकृत्तिकारोहिणी मॄगशिराआद्रापुनर्वसु
जन्मराहु बृहस्पतिमंगल
गोचर राहुबृहस्पतिमंगल
नक्षत्र पुष्यअश्लेशा मघा पूर्वाफाल्गुनीउत्तराफाल्गुनीहस्तचित्रास्वातिविशाखा
जन्म बुधसूर्य शुक्र, केतु
गोचर बुधसूर्यशुक्र, केतु

जन्म तारा कुछ कार्यो के लिए शुभ तथा कुछ कार्यो के अशुभ और प्रथम चक्र में विपत, प्रत्यरि, वध तारा सभी कामो के लिए अशुभ होते है। द्वितीय चक्र के लिए विपत तारा में शुरू का तीसरा भाग, प्रत्यरि तारा में आखिर का तीसरा भाग एवं वध तारा में बीच का तीसरा भाग त्यागना चाहिए। तीसरे चक्र में विपत, प्रत्यरि, वध तारा शुभ होते है।

Birth Info Edit
DoB2024-09-10
ToB09:12:44
PoBDelhi, IN
Lat|Lon28.36, 77.12
Transit Info Edit
Date2024-09-10
Time09:12:44
PlaceDelhi, IN
Lat|Lon28.36, 77.12
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