जातक की समाजिक छबि कैसी होगी, कैरियर और कौन से फील्ड में जाएगा ये आरूढ़ लग्न से देखि जाती हैं।
आरूढ़ लग्न की गणना किस प्रकार की जाती हैं।
उदहारण
इस कुंडली में लग्न का स्वामी चन्द्र है और चन्द्र लग्न से इस कुंडली में 12 भाव दूर है और अब चन्द्र से 12 भाव और गिने , तो आरूढ़ लग्न की राशि हुई वृषभ