जैमिनी चर दशा
चर दशा
इनमे राशियाँ को दो वर्गों में बांटा गया हैं सव्य वर्ग राशि और असाव्य वर्ग राशि
असव्य वर्ग राशि
इनका दशा क्रम विपरीत दिशा में होता है।
कर्क, सिंह, कन्या, मकर, कुंभ और मीन
सव्य वर्ग राशि
इनका दशा क्रम सीधा होता है।
मेष, वृषभ, मिथुन, तुला, वृश्चिक और धनु
दशा क्रम
दशा क्रम क्या होगा यह नौवा भाव बताएगा। इस कुंडली में नौवा भाव की वृश्चिक राशि है।
जो की सव्य वर्ग है। अतः पहली व् अगली दशा क्रमशः मीन, मेष, वृषभ आदि की होगी।दशा
चर दशा में दशा को समय अवधि निश्चित नहीं है। राशि के अनुसार उसका स्वामी कहा है। उसी के अनुसार बदलती रहती है।
इस कुंडली में पहले घर में कौन से राशि हैं
मीन
क्या यह राशि असव्य है
हा
तो गणना उल्टे क्रम में होगी
पहले घर में मीन राशि है और इसका स्वामी बृहस्पति पहले घर से कितने घर दूर है वो उल्टे क्रम में गिने
3 घर दूर
3 में से एक कम करे, तो आया 2 यानि मीन राशि की दशा 2 साल रहेगी।
दशा अवधि में अंतर्
A : क्या राशि स्वामी ( बृहस्पति ) उच्च हैं
नहीं, राशि स्वामी उच्च का नहीं हैं। अगर उच्च का होता तो एक वर्ष और जुड़ जाता
B : क्या राशि स्वामी ( बृहस्पति ) नीच हैं
नहीं, राशि स्वामी नीच का नहीं हैं। अगर नीच का होता तो एक वर्ष और कम हो जाता
दो ग्रहों का स्वामित्व का अंतर
कुंभ तथा वृश्चिक ऐसी रशिया है जिन्हे दो ग्रहों का स्वामित्व हैंवृश्चिक को केतु और मंगल का तथा कुंभ को शनि और राहु का
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